वैष्णव जन तो तेने कहिये जे पीड़ परायी जाणे रे / Narsi Mehta Bhajan

वैष्णव जन तो तेने कहिये जे
पीड़ परायी जाणे रे


पर-दुख्खे उपकार करे तोये
मन अभिमान ना आणे रे


वैष्णव जन तो तेने कहिये जे ...

सकळ लोक मान सहुने वंदे

नींदा न करे केनी रे

वाच काछ मन निश्चळ राखे
धन-धन जननी तेनी रे


वैष्णव जन तो तेने कहिये जे ...

सम-द्रिष्टी ने तृष्णा त्यागी

पर-स्त्री जेने मात रे

जिह्वा थकी असत्य ना बोले

पर-धन नव झाली हाथ रे

वैष्णव जन तो तेने कहिये जे ...

मोह-माया व्यापे नही जेने

द्रिढ़ वैराग्य जेना मन मान रे

राम नाम सुन ताळी लागी
सकळ तिरथ तेना तन मान रे

वैष्णव जन तो तेने कहिये जे ...

वण-लोभी ने कपट-रहित छे

काम-क्रोध निवार्या रे

भणे नरसैय्यो तेनुन दर्शन कर्ता

कुळ एकोतेर तारया रे

वैष्णव जन तो तेने कहिये जे ...

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