स्वतंत्रता दिवस

वतन पर मिटने वालो करों प्रणाम मेरा स्वीकार,
नाज हे इस धरती को बाँकुरे विरो पर,
जिन्हे बलिदानी को अपना इतिहास बना डाला,
कहे दो दुश्मनु से अभी भी जिन्दा हे हम,
उसी सौरये और वीर गाथाओं के साथ,
मिटा देंगे हस्ती तुम्हारी,
अभी भी वकत को पहचान लो तुम,
वतन पर मिटने वालो करों प्रणाम मेरा स्वीकार |

पहचान लिया हे उन निर्बलताओं को,
जिन्हे बोहे हे बीज हिन्द की प्रगति के विरुद्ध,
अब अवधि हे बहुत कम बाधाओ के रुकने की,
कड़कते हुए अम्बर की तरहे गरज उठा मेरा हिन्द,
जय हो, जय हो, जय हो, मेरे हिन्दुस्तान,
वतन पर मिटने वालो करों प्रणाम मेरा स्वीकार |

स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 
जय हिन्द  

                                                  @कमल सिंह मीणा 


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